Attitude क्यों Intelligence से ज़्यादा ज़रूरी है ? Attitude Vs. Intelligence

जिन लोगों की बुद्धि लब्धि (Intelligent Quotient) ज़्यादा होती है, उन्हें हमेशा ही सरहना मिलती है और मिलनी भी चाहिए. common sense  के बाद दूसरा नम्बर बुद्धिमानी(Intelligent) का ही होता है, है कि नहीं! लेकिन, अधिकांश लोग इस बात को मानते हैं कि अगर आपके पास सही Attitude यानि व्यवहार कुशलता न हो तो आपकी Intelligence किसी काम नहीं आती है. इसलिए जब सफलता आपके सामने खड़ी हो तब आपकी Intelligence से कहीं महत्व आपके Attitude का होता है.

Attitude Vs. Intelligence in hindi

 

लेख-सूची (Table of Contents)

सही Attitude और Intelligence

शोध के आधार पर मनुष्यों का Mindset दो प्रकार का होता है –

1. पूर्व निर्धारित मानसिकता (Fixed Attitude)
2. विकासशील मानसिकता (Growth Attitude)

पूर्व निर्धारित मानसिकता वाले लोगों का Attitude उन्हें एक बात से बाँधकर रखता है. वे किसी कार्य को करने के लिए अपनी क्षमता, दक्षता, पहचान, उद्देश्य और स्थिरता को लेकर सुनिश्चित होते हैं. वे आपने आपको चैलेंज नहीं करते हैं. इसके विपरीत दूसरे तरह के लोग विकासशील मानसिकता वाले होते हैं. ये अक्सर मौक़ापरस्त होते हैं. ऐसा देखा जाता है कि अपेक्षाकृत कम बुद्धि लब्धि(IQ) वाले लोग अपने सही Attitude के कारण बढ़िया परफ़ॉर्म कर जाते हैं. ऐसा Attitude सफलता, खुला दिमाग़ और अवसर को भुना लेने की कारण बन जाता है.

ऐसा माना जाता है कि कुछ लोग पैदाइशी विजेता होते हैं लेकिन आप वास्तविकता देखें तो आपको पता चलेगा कि यह उनका Attitude ही है जो उनको सफलता की राह पर आगे ले जाता है. ज़्यादा बुद्धिमान लोग सफलता प्राप्त करें इसकी कोई गारंटी नहीं होती है; वैसे ही कम बुद्धि वाले असफल ही होंगे, ये कौन कह सकता है? सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप लक्ष्य को कैसे देखते हैं और उसके लिए कितना प्रयासरत हैं?

सही Attitude पाने के Tips

कोई भी ग़लत या सही Attitude लेकर पैदा नहीं होता है. सभी इसी दुनिया में अपने माहौल के अनुसार व्यवहार कुशल बनते हैं. Attitude अच्छा हो तो सफलता मिलने में देर नहीं लगती है और अगर आप व्यवहार कुशल न हो तो असफलता के सिवा कुछ हाथ नहीं आता. इसलिए इन बिंदुओं पर ज़रूर काम करें –

  1. अपनी असफलताओं से सीखें.
  2. सकारात्मक और ख़ुधमिजाज़ बनें.
  3. सफलता मिलने के बाद भी सीखते रहें.
  4. प्रतिस्पर्धा करें लेकिन दूसरों को सराहना भी करें.
  5. दूसरों को उत्साहित और ख़ुद को प्रेरित करें.
  6. रणनीति बनाए और उस प्रयोग भी करें.
  7. अपने आपको ज़रूरत से कम या ज़्यादा न आँकें.
  8. आत्मविश्वास ज़रूरी है लेकिन अति-आत्मविश्वास नहीं.

Intelligence तब काम आती है जब सीखे हुए ज्ञान का प्रयोग करने का अवसर मिले और सही Attitude आंतरिक और बाह्य कारकों से प्रभावित होकर आपके विश्वास और मान्यताओं को आकार देता है. किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आपमें दोनों चीज़ों का संतुलन होना चाहिए. केवल बुद्धिमान बनकर ही सफलता को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है.

सही Attitude एक सवारी है जिस पर बैठकर आप और Intelligence रूपी दोनों सवार सफलता की राह पर आगे बढ़ते हैं. किसी लम्बे सफ़र में अगर आपके साथ दूसरा सवार हो और सवारी न मिले तो आप क्या करेंगे? सही Attitude को साधन की बनाकर को सफलता सुनिश्चित की जा सकती है.

9 thoughts on “Attitude क्यों Intelligence से ज़्यादा ज़रूरी है ? Attitude Vs. Intelligence”

  1. विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है. विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है और अविश्वास भगवान के बनाए इन्सान को पत्थरदिल बना सकता है.

    बहुत बढ़िया 🙂

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