नमस्कार दोस्तों मेरा नाम कैलाश रावत है और MyHindi.Org पर मेरी एक guest post है। मैं Hindish.com website का founder हूँ जहाँ पर आपको इन्टरनेट, बायोग्राफी, रहस्य, टिप्स और ट्रिक्स सम्बंधित सारी जानकारियां हिन्दी में मिलेंगी तो आज मैं इस पोस्ट में आपको बताने वाला हूँ Hologram technology क्या है या हम इसको short में यह भी कह सकते हैं कि holography क्या होती है ? तो आइये जानते हैं कि
लेख-सूची (Table of Contents)
होलोग्रफ़ी क्या है | What is holography
वैसे तो आप Internet पर पढेंगे तो आपको holography की ऐसी ऐसी definition मिलेंगी कि आप confuse हो जायेंगे की आखिर holography की सीधी सी परिभाषा है क्या ? तो मैं अपने सरल और simple शब्दों में कहूँ तो Holography एक visual illusion (दृश्य भ्रम) है, जिसमें हम किसी भी Object को एक display device की मदद से record कर के रख देते हैं और बाद में कभी भी हम उस Object को अपने सामने 3 dimension में देख सकते हैं। यानि आपको ऐसा लगेगा की वह object (आदमी भी हो सकता है) आपके सामने ही है, आप उसको चारो तरफ से भी देख सकते हैं, उसके आर पार भी आसानी से हो सकते हैं मगर आप उसे छू नहीं सकते । क्योंकि मैंने शुरू में ही कहा था की यह सिर्फ एक visual illusion (दृश्य भ्रम) है। जो सिर्फ हमारी आँखों को दिख रहा है पर वह actual में हमारे सामने है नहीं। होलोग्राम को आप इस इमेज में देख कर और अच्छी तरह समझ सकते हैं।
होलोग्राम टेक्नोलॉजी का अविष्कार
होलोग्रफ़ी का आविष्कार ब्रिटिश-हंगेरीयन भौतिक विज्ञानी डैनिस गैबर ने सन 1947 में किया था। इसके बाद यह टेक्नोलॉजी धीरे धीरे विकसित हुई और 1960 में इसका यूज़ कम्पनियाँ अपने प्रोडक्ट की सत्यता की पहचान के लिए करने लग गए। और आज भी अपने देखा होगा किसी product, book, या किसी certificate पर होलोग्राम लगा दिया जाता है जिस प्रोडक्ट का पता चलता है । कि वह original है या duplicate मगर यह अभी सिर्फ यहीं तक सीमित है ।
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मगर होलोग्राम की जिस टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट की बात मैं उपर कर रहा था वह अभी तक डेवेलोप नहीं हो पाई है मगर यह टेक्नोलॉजी भी जल्दी साइंस develop कर देगाऔर यह संभव भी है ।
क्या होलोग्राम टेक्नोलॉजी सम्भव है ??
जी हाँ होलोग्राम टेक्नोलॉजी बिलकुल संभव है क्योकि यह सिर्फ एक visual illusion है और हम जिस चीज को भी देखते उसको हम light से ही देखते हैं बिना लाइट का तो बिलकुल अँधेरा नज़र आता है और लाइट में छोटे छोटे particle होते हैं जो इधर उधर रिफ्लेक्ट होते हैं।
“आपने देखा होगा कभी अँधेरे कमरे में आप टौर्च का फोकस तो सीधे दीवार पर करते हैं मगर जहाँ आप खड़े हैं उसके पीछे भी हल्का उजाला हो जाता है क्योंकि लाइट के particle दीवार से रिफ्लेक्ट होकर वहां तक गए और वहां भी रौशनी हो गयी ”
ठीक उसी प्रकार हम लाइट के जरिये किसी ऑब्जेक्ट को रिकॉर्ड कर सकते हैं और फिर बाद में उसको 3d में प्ले भी कर सकते हैं। और ये सब laser light का ही खेल होगा जिस से आपको लगेगा की यह चीज सच में यहाँ पर है।
यदि यह होलोग्राम टेक्नोलॉजी और डेवेलोप होती है तो इस से फिर हम hologram call भी कर सकते हैं और अगर हम दुसरे शहर में भी है फिर भी किसी दुसरे शहर के व्यक्ति से कुछ इस तरह बात कर सकते हैं मानो हम एक दुसरे के आमने सामने हों । मगर अब देखना यह है की साइंस इसको कब तक इस सपने को सच करती है ।
तो यह थी होलोग्राम टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ इनफार्मेशन जो आपको देनी थी तो शेयर और लाइक जरूर करें ।
Guset Post By कैलाश रावत Hindish.com
I am so glad after reading about holography . because before this reading never got any details about holography.
holographic ke bare me first time padha bahut hi umda jankari share ki aapne aise hi nayi jankari share karte rahiye.
bahut hi badhiya aur nayi jankari padh kar acha laga.
Bahut hi badhiya
tere maki chut, fuck off ass hole, mother fucker, Go and fuck yourself,
Bade Time ke baad Blog Update Kiya Bro
Anyways Bahut hi Useful Information 🙂
Bro Exam Ke karn Abhi Time Nahi Mil paa raha agle mahine se daily pdate hoga..!!
thanks nilesh bhai
Welcome Bro…!